भानगढ (राजस्थान) | अनुभवीआंखें न्यूज चैनल टीम : आज के वैज्ञानिक और तकनीकी युग में यह बात बेमानी लगती है कि भूतप्रेत, चुड़ैल या जिन्न हो सकता है। लेकिन समय समय पर पैरानोरमल एक्सपर्ट यह साबित करने की कोशिश करते रहे हैं कि आत्माओं की मौजूदगी दुनिया में है। हम अंधविश्वास नहीं फैलाना चाहते हैं पर “कही अनकही अनसुलझी” की पहली कड़ी में हम भानगढ के बुजुर्गों से सुनी कहानी आपको बताने जा रहे हैं। विश्वास अविश्वास करना आप पर छोड़ देते हैं।

भानगढ अलवर से और जयपुर से महज लगभग सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। महाराजाओं के जमाने की बात है। भानगढ के राजा की रानी बहुत खूबसूरत थी। दूधिया रंग, हिरणी सी आंखें काले घने केश बेहद मनमोहक रूप था उसका। कहते हैं प्राचीन काल में रानियां चारदीवारी के बीच खुले में सनबाथ लेकर नहाती थी। लगे हाथ आपको बता दें कि भानगढ किला चारो तरफ से पहाड़ी हरियाली से घिरा हुआ है। राजा के किले के साथ की पहाड़ियों के सबसे उंची चोटी पर एक तांत्रिक सिंधू सेवडा तपस्यालीन था।

कहते हैं कि एक दिन रानी नहा रही थी तभी ऊंची चोटी से तांत्रिकसिंधू सेवडा की नजर नहाते रानी के नग्न यौवन पर पड़ी और वह कामपिपासू हो गया। औरत के नग्न खूबसूरत देह को पाने की लालसा मन में बैठ गई। जनचर्चा है कि रानी ने जब दासी को तेल लाने बाजार में भेजी तो तांत्रिक सिंधू सेवडा वहा पहुंच कर किसी बहाने से तेल को अभिमंत्रित कर दिया। तांत्रिक को पता था कि सीधे तौर पर वह रानी के साथ सहवास नहीं कर सकता है।

इधर दासी जब तेल लेकर रानी को दी तो वह तेल को खौलता देख संदेह कर बैठी। यहां आपको बता दें कि तंत्र से सिद्ध तेल को जो भी छू लेता वह उड़ कर तांत्रिक के पास पहुंच जाता। रानी ने तेल को पास रखे एक बड़े से पत्थर पर गिडवा दी। कहते हैं देखते ही देखते पत्थर उड़कर उस तांत्रिक पर जा गिरा। मरते मरते कामेच्छा से पीड़ित तांत्रिकसिंधू सेवडा ने श्राप दिया की बारह घंटे में यह साम्राज्य समाप्त हो जाएगा।और ताउम्र उनकी आत्माओं का पुनर्जन्म नहीं होगा। वे सब यहीं तड़पती रहेंगी।

कहते हैं कि उसके बाद सारा शहर टूट कर बिखर गया। पत्थरों की बारीश में राजा की सात मंजिल राजभवन के तीन मंजिल टूट कर बिखर गया। आजकल चार मंजिल है। भारी संख्या में लोगों के मरने की खबर है। धन संपदा जमीदोज हो गया। मरने वालों की आत्मा रात में तड़पती चीखती है। जिन्नो का बसेरा हो गया। आपको स्पष्ट कर दूं कि पुरातत्व विभाग का दफ्तर किले के आरंभ व नीचे है पर महल आज भी विरान व भयावह है। चमगादड़ का बसेरा है। सैकड़ों लोगों का आना होने के बावजूद अंदर का भाग डरावना अनछुआ है। एक बुजुर्ग ने बताया कि आज भी जिन्नो की शादी और बारात निकलने की खबर है। उनके बच्चे भी होते हैं। यह पूछने पर कि क्या आपसे कभी मुलाकात हुई तो उसने कहा कि उसके ससुराल वालों को हुई थी।

संतोष कुमार गुप्ता, संपादक व सीईओ, एसपी मीडिया नेटवर्क

बहरहाल सच्चाई जो भी हो ऐसे ही दिलचस्प घटनाओं को हम बताते रहेंगे। कुछ कही कुछ अनकही कुछ अनसुलझी। अगली कड़ी में जिन्नो ने कहां एक रात में दुनिया की अनसुलझी….. बना डाली। वैज्ञानिकों के लिए आज भी रहस्य है।ःअनुभवीआंखें न्यूज चैनल टीम।

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1 COMMENT

  1. अनसुलझी कहानियॉ तो है ही इतिहास भी हा

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