बिहार(संवाददाता धीरज गुप्ता) – गया गुणवत्ता पूर्ण प्रसव पूर्व जाँच के माध्यम से सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान पीएमएसएमए चलाया जा रहा है प्रत्येक महीने की नौवीं तारीख को जिला अस्पताल सहित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर यह अभियान चलाया जाता है जिसमें गर्भवती महिलाओं को गुणवत्ता पूर्ण प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा उपलब्ध कराते हुए उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था के कुशल प्रबन्धन पर बल दिया जाता है.
इस अभियान के अंतर्गत सोमवार को सदर अस्पताल में लगभग 125 महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच की गयी। महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ रश्मि रागिनी ने बताया गर्भवती महिला का बेहतर पोषण गर्भ में पल रहे शिशु के सम्पूर्ण विकास में सहयोगी होता है। इसके लिए महिलाओं को अपने पोषण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।सामान्य महिला को जहाँ रोजाना 2100 कैलोरी चाहिए,वहीं गर्भवती महिला को 2500 कैलोरी की जरूरत होती है स्तनपान कराने वाली महिला को प्रतिदिन 3000 कैलोरी चाहिए।10 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से तथा 35 प्रतिशत कैलोरी वसा यानी तेल,घी और मक्खन से तथा 55 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आना चाहिए। एक गर्भवती महिला के भोजन में सामान्य महिला के तुलना रोज़ाना 350 से 500 कैलोरी ज़्यादा होनी चाहिए और सही पोषण ही स्वस्थ बच्चे का आधार होता है।सिविलसर्जन ने बताया पहले की अपेक्षा महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है और गुणवत्तापूर्ण प्रसव में यह अभियान काफी सहायक सिद्ध हुई है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुणवत्ता पूर्ण प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास में काफी सफलता मिली है और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के साथ अभियान को सफल बनाने में आशाओं की भूमिका भी सराहनीय प्रत्येक महीने की 9 वीं तारीख को सदर अस्पताल के अलावा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ रेफरल इकाईयों पर प्रसव पूर्व जाँच के लिएसमय-समय संदर्भित करती हैं नियमित जाँच के साथ बेहतर पोषण जरूरी: प्रसव से पूर्व 4 प्रसव पूर्व जांच जरूरी होता है इससे गर्भावस्था के दौरान संभावित जटिलता का पता चल पाता है और नियमित प्रसव पूर्व जांच के साथ बेहतर पोषण गर्भवती महिला एवं गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रखने में सहायक होता है इसके लिए एक गर्भवती महिला को ज्यादा-से-ज्यादा विभिन्नता में आहार खाना चाहिए और इससे अलग-अलग प्रकार के विटामिन और खनिज बच्चे को माँ के गर्भ में बढ़ने के लिए मदद करते हैं इसलिए नियमित जांच के साथ नियमित पोषित आहार भी जरूरी है इस गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जाँच के साथ माताओं का पोषण मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में सहयोगी होता है। updated by gaurav gupta

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