देहरादून : राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा और फूले-फले, इसके लिए वहां पांच बाघ शिफ्ट करने को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) मंजूरी दे चुका है, लेकिन बजट के अभाव में अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि, विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि इस माह बजट अवमुक्त होने पर अक्टूबर से शिफ्टिंग की योजना पर कार्य प्रांरभ कर दिया जाएगा।

दरअसल, राजाजी नेशनल पार्क की चीला और गौहरी रेंजों में बाघों की अच्छी-खासी संख्या है, लेकिन इस लिहाज से दक्षिणी हिस्सा सूना-सूना है। यहां मोतीचूर से लेकर धौलखंड तक के भूभाग में दो बाघिनें पिछले सात साल से अकेली रह रही हैं। वजह ये कि गंगा के इस पार वाले दक्षिणी हिस्से में रेल और सड़क मार्ग गुजर रहे हैं। ऐसे में आवाजाही बाधित होने के कारण ये यहां से दूसरे हिस्सों में नहीं निकल पा रहीं। इसे देखते हुए यहां भी बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए बाघ शिफ्टिंग की योजना बनी।

एनटीसीए ने भी इस पर सैद्धांतिक सहमति जताने के साथ ही जुलाई में इसके लिए बजट अवमुक्त करने पर भी मुहर लगाई। इससे उम्मीद जगी कि जल्द ही शिफ्टिंग की कार्रवाई प्रारंभ हो जाएगी, मगर अभी तक बजट उपलब्ध नहीं हुआ है। वहीं, वन्यजीव महकमे ने यहां शिफ्टिंग के लिए पांच बाघ चिह्नित किए हैं। बजट न मिलने के कारण ये शिफ्ट नहीं हो पा रहे। उधर, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीवीएस खाती ने उम्मीद जताई कि इस माह बजट उपलब्ध हो जाएगा। इसके बाद अक्टूबर से शिफ्टिंग के लिए कसरत तेज की जाएगी।

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