मधेपुरा/बिहार(संवाददाता चंचल कुमार ) – कोरोना वायरस के बीच सोशल डिस्टेंस को मद्देनजर रखते हुए जिले के सभी प्रखंडों में पति की लंबी उम्र और संतान के कुशल भविष्य के लिए सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा अर्चना किया ।

तीन दिवसीय वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की मासिक शिवरात्रि से शुरू होकर सोमवती अमावस्या तक रहेगा। इस पंडितों ने इस बार वट सावित्री पूजन के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि सावित्री ने अपने पति के जीवन के लिए बरगद के पेड़ के नीचे तपस्या की थी, इसलिए इसे वट सावित्री व्रत कहा जाने लगा। इस दिन नाग व नागिन बनाकर बड़े ही अस्था के साथ वटवृक्ष को जल से सींचकर उसमें हल्दी लगा कच्चा सूत लपेटते हुए उसकी परिक्रमा की जाती है। साथ ही वस्तुएं भी अर्पित की जाती हैं। मौके पर दर्जनों महिलाओं ने बड़े ही अस्था और विश्वास के साथ सपन्न किया वट सावित्री।

साथ ही साथ लॉकडाउन को देखते हुए महिलाओं ने सोशल डिस्टेन्स का बख़ूबी पालन भी किया और कहा कि देश मे सभी कोरोना योद्धाओं के भी साहसिक कार्य के लिए प्रार्थना हम लड़ने की शक्ति प्रदान करें ।. updated by gaurav gupta 

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