भरगामा /अररिया(संवाददाता अंकित सिंह) –  जिले के भरगामा प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में पिछले कई दिनों से मनरेगा,आवास,नल-जल,सात निश्चय,शौचालय आदि योजनाओं की एक से बढ़कर एक जांच हो रही है. लेकिन वरीय पदाधिकारियों द्वारा गठित जांच टीम के अधिकारी को पंचायत के मुखिया द्वारा जड़ी-बूटी सूंघाने पर जांच अधिकारी मुखिया के बस में आ जा रहे हैं. जी हां ऐसा इसीलिए कहा जा सकता है क्योंकि जिस योजनाओं की वर्तमान में जांच चल रही है उस योजनाओं में मुखिया जी बहुत बड़े घोटाले कर बैठे हैं. घोटाले का विवरण: शौचालय योजनाओं में दो से तीन हजार रुपये की अवैध वसूली प्रत्येक लाभुकों से की गई है जिस कारण पंचायतों में नाम मात्र शौचालय बन पाया है. वहीं अगर आवास योजनाओं की बात करें तो इस योजनाओं में पर किस्त दस से पंद्रह हजार रुपये प्रत्येक लाभुकों से अवैध वसूली की गई है. इस तरीके के अवैध वसूली करने में आवास सहायक व वार्ड सदस्यों की अहम भूमिका मानी जाती है. अगर अन्य योजनाओं को छोड़कर मनरेगा व सात निश्चय योजनाओं की बात करें तो सिर्फ और सिर्फ इन दोनों योजनाओं की बारीकी से जांच की जाए तो भरगामा प्रखंड के लगभग पंचायतों के मुखिया के गर्दनों पर तलवार लटक सकता है. प्राप्त जानकारी अनुसार कुछ बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि अन्य पंचायतों के मुकाबले शंकरपुर पंचायतों में भारी घोटाला है. एवं बिचोलियों व दलाल सक्रिय है. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जांच टीम के सामने मुखिया,पंचायत समिति,पंचायत सचिव,आवास सहायक,वार्ड सदस्य इत्यादि द्वारा लाभुकों ने आवास योजनाओं में पर किस्त दस से पंद्रह हजार रुपये अवैध वसूली करने की बात कही,लाभुकों का कहना था कि एक तो सरकार द्वारा छोटी सी रकम घर निर्माण के लिए दिया जाता है उसमें से भी आधा से अधिक मुखिया,पंचायत समिति,पंचायत सचिव,आवास सहायक,वार्ड सदस्य को हीं रिश्वत देना पड़ता है. तो ऐसे में कैसे पक्की घरों का निर्माण हो पाएगा. इतनी बातें सुनने के बाद जांच अधिकारी नौ दो ग्यारह हो गए।

updated by gaurav gupta 

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