मऊरानीपुर (झाँसी)- मधुपुरी साहित्यिक एवं सामाजिक परिषद मऊरानीपुर की एक कवि गोष्ठी विष्णु नारायण मन्दिर परवारीपुरा में मुख्य अतिथि बी. पी. अहिरवार (डीएसपी सेवा नि.) रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मदन कान्त व्यास ने की। इस मौके पर कवियों ने अपनी – अपनी कविताओं से जोरदार शमाँ बाँधा। इसी के चलते कवियों में डॉ. रामदयाल सोनी स्वर्ण ने कहा कि झाँसी की रानी ने झाँकी मर्दानी दिखा, दुश्मन की मंशा पे मानी न हारी है। बी. पी. अहिरवार ने कहा कि जिन्दगी के सहारा दर्द है। बीता दिन अब रौते आ रही है। ज्ञान प्रकाश यादव ने कहा कि सुनो रमोले दिल्ली हम खाँ करन मजूरी जाने। बिटिया बैठी स्यानी घर में पइसा कमा के लाने। वृन्दावन लाल वर्मा ने कहा कि संसार में समय सबका आता जाता है। समय आने पर वह यहाँ से चला जाता है। बैजनाथ पांचाल ने कहा कि प्रभु सलात दुनिया के करो कृपा सँवर जाये। सुरेश चौधरी ने कहा कि अब कहाँ मौत के समान से डर लगता है। आपकी मधुपुरी मुस्कान से डर लगता है। रेवाश्ांकर पाठक ने कहा कि सुनाना चाहता था बहुत कुछ यारों पर सुना नही सकता। सुल्तान खाँ जर्रा ने कहा कि सूफी या दो साधु हो , इनका न माया मै हो लिया। अवध बिहारी सूरौठिया ने कहा कि त्यागी हूँ न इसीलिये अब सत्य अंहिसा त्याग रहा हूँ।, जय प्रकाश खरे ने कहा कि नेता गिरा रे वोटों के बीच बाजार में , नेता गिरा रे – नेता गिरा रे। प्यारे लाल बेधडक ने कहा कि सूट बूट तुकतान शान का। ऐसा निकलेगा। फूट फूट किसान का। पैसा निकलेगा। प्रकाश चन्द्र निराला ने कहा कि भारत के बैरागी बावन ने कमाल करदओं मुख।, हदय नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि ब्रहम्मा बालू साई में, हरि हलुआ के बीच। रसगुल्ले में शिव बसें, भजले आँखें मीच। इसी के चलते श्रोतागणों में हीरा लाल वर्मा, विन्द्रावन अहिरवार , घनश्याम दास कुशवाहा, लुलँई बाबा, प्रमोद पाण्डेय एडवोकेट, दीपचन्द्र अग्रवाल, सत्यप्रकाश अग्रवाल आदि लोग उपस्थित रहे। संचालन पं. हदयनाथ चतुर्वेदी ने किया। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर । updated by gaurav gupta

loading...