लखनऊ ।
डा० राम मनोहर लोहिया के स्मृति दिवस के अवसर पर लोहिया पार्क लखनऊ मे समाजवादी पर्टी के संरक्षक मा० श्री मुलायम सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा० श्री अखिलेश यादव तथासमाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री मा० राम आसरे विश्वकर्मा ने डा० लोहिया जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। श्री विश्वकर्मा ने कहा कि डा० लोहिया ने समतामूलक समाज की स्थापना के लिए व्यवस्था व संस्कार के बुनियादी ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की वकालत करता है। डॉ० राम मनोहर लोहिया इसी रास्ते के वह फकीर थे जिनके पग चिन्हों को तलाशते हुए महादेश भारत के अनेक सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्त्ता व्यवस्था परिवर्तन से सत्ता परिवर्तन की राह के पथिक बने।


डॉ० लोहिया का जीवन अनेक वैचारिक विरोधाभासों का समुच्चय है। वह प्रखर राष्ट्रवादी थे किंतु विश्व सरकार का सपना आंखों में संजोए थे। गांधी जी से बेहद प्रभावित थे किन्तु गांधी दर्शन को अपूर्ण मानते थे। मार्क्सवाद में उनकी प्रखर रूचि थी किंतु उसे एकांगी करार देते थे।लोहिया एक नई दृष्टि और नवीन विचार के चितेरे थे। उन्होंने मार्क्सवाद और गांधीवाद दोनो विचारों को परिस्थिति की उत्पत्ति माना और जो विचार परिस्थिति-जनित होता है वह स्थिति के परिवर्तित होते ही अप्रासंगिक हो जाता है। अर्थात विचार का सर्वकालिक, सर्वग्राही होने के लिए परिस्थिति कि निरपेक्ष होना अनिवार्य है।ःअनुभवीआंखें न्यूज के लिए ब्यूरो चीफ असलम परवेज की रिपोर्ट।

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