गया- स्व अटल बिहारी वाजपेई पिछले एक महीने से उपर डिमेंशिया नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे.दिल्ली के एम्स में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी बाजपेयी वर्ष २००९ से ही व्हीलचेयर पर हैं और पिछले ९ महीने से एम्स में भरती हैं लेकिन बीते २४ घंटे से उनकी हालत काफी खराब हो चुकी थी और चिकित्सकों ने भी उनकी स्थिति को सुधारने का काफी प्रयास किया परन्तु ईश्वरीय शक्ति के आगे सभी नाकाम रहे.उनकी स्थिति की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने एम्स पहुंच कर अटल बिहारी वाजपेयी हाल जाना था लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि काल की क्रूर गति आज ही उन्हें सबसे छीन लेगी है और राजनीति के अजातशत्रु अपने काल के शत्रु से हार गए और समस्त दुनिया को रुलाकर किसी और दुनिया की ओर कुच कर गए जहाँ से वापस आना संभव नहीं है स्व० वायपेयी १९९१,१९९६ १९९८,१९९९ और २००४ में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे और वह बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक के एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता थे! २५दिसंबर, १८२४ में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए १९४२ में भारतीय राजनीति में कदम रखा था।इस दुःख व्यक्त करने वाले मे उतर प्रदेश के केबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, बिहार के विधान पार्षद श्री कृष्ण कुमार सिंह, सांसद हरी मांझी, सुशील सिंह, जिलाअध्यक्ष धनराज शर्मा,पुर्व जिलाअध्यक्ष अनिल स्वामी, जैनेन्द्र सिंह,श्यामा रानी,ललिता सिंह, कमलेश सिंह, राजेश कुमार,प्रशांत कुमार महामंत्री,प्रवक्ता योगेश कुमार, श्रीकांत जी, पंकज कुमार, अखिल भारतीय रौनियार परिवार, धीरज गुप्ता।धीरज गुप्ता की रिपोर्ट,updated by gaurav gupta

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