जानकीनगर(पूर्णियां) – दो दिवसीय विराट संतमत सत्संग ध्यान अधिवेशन के दौरान रामपुर तिलक में शुक्रवार को सत्संग के आखिरी दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। पंडाल के अलावे श्रद्धालु खुले मैदान व सड़कों के किनारे खड़े होकर प्रवचन सुन रहे थे। बृहस्पतिवार को प्रात: 6 बजे से ध्यानाभ्यास से सत्संग प्रारंभ हुआ। सायंकालीन सत्र में आयोजित भजन कीर्तन, सदग्रंथ पाठ व प्रवचन कार्यक्रम मैं आए संतमत के स्वामी धर्मस्वरूप साहेब, काशी बनारस से आए हुए ज्ञान प्रकाश शास्त्री,वैशाली से आए हुए रामाशंकर साहेब, चंदन साहेब,आदर्श स्वरूप साहेब,बालेश्वर ससाहे व अन्य संतों द्वारा प्रवचन दिया गया। शुक्रवार को भी दो सत्रों में आयोजित समारोह के दौरान स्वामी ज्ञान प्रकाश शास्त्री ने कहा कि जो अपने धर्म का पालन नहीं करता वह मनुष्य नहीं। बोले कि दुख किसी को प्रिय नहीं होता, दुख आने पर लोग अपने पास मौजूद साधन से उसे दूर करने का प्रयास करता है, फिर भी सुख और दुख का चक्र जीवन में चलता ही रहता है। स्वामी चंदन साहेब एवं आदर्श स्वरूप ससाहे बाबा ने भी सभी दुखों और कष्टों के निवारण का एक ही उपाय प्रभु भक्ति पर जोर दिया। ज्ञान कथा यज्ञ स्थल पर सर्व धर्म समन्वय का अनूठा उदाहरण देखने को मिला। भीड़ इतनी थी कि यज्ञ स्थल पर बनाया गया पंडाल भी छोटा पड़ गया। स्थल के इर्द-गिर्द स्टालों ने बाजार का रूप ले लिया था। धार्मिक जय-जयकार से पूरा रामपुर तिलक गुंजायमान हो उठा। यहां भक्तों के ठहराव, भोजन, पेयजल की व्यवस्था की गई थी। आयोजन को सफल बनाने में रामपुर तिलक के श्रद्धालुओं की सराहनीय भागीदारी रही। ग्रामीण श्री सुभाष सिंह श्री गजेंद्र सिंह, श्री देवन यादव, रामकृष्ण मानस, विद्यानंद जयसवाल, वर्तमान मुखिया श्री सूर्य नारायण महतो, अजय कुमार,शैलेश महतो, लालमोहन आनंद, सरपंच प्रमोद महतो आदि ग्रामीण उपस्थित थे|वांलिटयर सदस्य लालमोहन आनंद, updated by gaurav gupta

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