मऊरानीपुर (झाँसी) टीचर्स डे के आने से पूर्व बच्चों ने अपने -अपने गुरुओं के लिये उपहार जहाँ ले डाले थे। बाजारों में भी बच्चों की काफी दिन से भीड देखने को मिल रही थी । बच्चों ने अपने- अपने कोचिंगों एवं स्कूलों के लिये शिक्षक गुरु सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र भी ले डाले थे जो 5 सितम्बर के दिन टीचर्स डे के रुप में देखे गये । जहाँ बच्चे 5 सितम्बर का तहे दिल से राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में केक अपने -अपने प्रिय गुरुओं से कटवाने के लिये सिर्फ बुधवार के दिन का

इंतजार कर रहे थे। उनका इंतजार खत्म होते हुये टीचर्स डे मनाने का मौका उन्हें काफी रोचक रुप में मिला। वही कोचिंगों के टीचरों ने भी 5 सितम्बर में कक्षा कार्य न होने की घोषणा भी के रुप में कर दी थी । इसी के चलते कोचिंग सेन्टरों पर टीचर डे मनाया गया। और बच्चे अपने- अपने गुरुओं के साथ मौज मस्ती करते हुये देखे गये और जो भी अभी तक गलती हुयी है वह सब इसी दिन माफ करवाते हुये देखे गये । और आगे कभी ऐसा न करने की अपने- अपने गुरुओं से प्रतिज्ञा करते हुये देखे गये। कि जो भी अभी तक गलती हुयी हो उन्हे माफ कर दो अब कभी ऐसी गलती नही होगी इस तरह की अपने- अपने गुरुओं ंसे प्र्रार्थना करते हुये देखे गये। इसके बाद अपने- अपने टीचर्स से केक कटवाया और उन्हें उपहार दिया। इसी के साथ टीचर्स एवं बच्चों ने एक दूसरे को टीचर्स डे की पार्टी भी दी। इसी के साथ पूरे नगर के कोचिंगों एवं विधालयों में 5 सितम्बर टीचर्स डे के रुप में बडे उल्लास तरीके से मनाया गया। वही नगर में एक फैशन के रुप में चल रहे कोंचिग सेन्टरों के टीचर्स में व वहाँ शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों में इस दिन विधालयों से भी ज्यादा मौज देखने को मिली। क्योंकि ये सेन्टर स्कूलों की क्लासों की तरह कोचिंगें चला रहे है जिनमें 100 से 150 बच्चे एक बेच में पढाते है । और बच्चों को अपना हवस का शिकार बनाते है कही पढाई चल रही तो कही बातें। इससे पहले भी कई बार उच्चाधिकारियों का ध्यान भी आकृष्ट कराया जा चुका है । स्कूलों के साथ कोचिंग सेन्टरों में भी मनाया गया टीचर्स डे। अनुभवीआँखें न्यूज के लिए सौरभ भार्गव की रिपोर्ट मऊरानीपुर ।

loading...