आजकल के समय में बीमारियां दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है , और आज के समय में ब्लडप्रेसर का प्रकोप इतना ज़्यदा बना हुआ है की लोग इस बीमारी से काफी परेशान रहते है | ब्लूडप्रेसर होने का सबसे मेन कारण यह है की मौजूदा दौर में भोजन में मिर्च – मसलों का अधिक प्रयोग तथा तले – भुने व् बाजारू खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन इसका प्रमुख कारण है | अतः सबसे पहले तो ब्लूडप्रेसर वाले लोगों को इन सब चीजों से दूर रहना जरुरी है | ताकि हाईब्लडप्रेसर से दूरी बानी रहे | इसी के साथ सिगरेट , शराब आदि की लत पड़ जाने पर भी ब्लूडप्रेसर बढ़ जाता है और आगे कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है | कभी – कभी दूसरे किसी रोग के कारण भी ब्लूडप्रेसर बढ़ जाता है |
ब्लूडप्रेसर कंट्रोल करने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय
* हाईब्लडप्रेसर को काबू में रखने के लिए सर्पगंधा एक जानी-मानी जड़ी -बूटी है | सर्पगंधा की जड़ सर्प के आकार की होती है इसलिए इस वनौषधि को सर्पगंधा कहते है | सर्पगंधा की जड़ को औषधि के रूप में उपयोग में लाया जाता है | यह एक लाभदायक औषधि है जो ब्लूडप्रेसर में गुणकारी होता है |
* शंखपुष्पी का उपयोग आमतौर पर मानसिक समस्याओं में किया जाता है तथा यह हाईब्लडप्रेसर में भी बहुत लाभ पहुँचती है |
* हाईब्लडप्रेसर के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए आंवला बहुत ही गुणकारी फल होता है | साथ ही अनिंद्रा , सिर दर्द और सिर चकराने जैसी समस्याओं में भी यह कारगर प्रभाव वाला है | आंवले का मुरब्बा खाने से कब्ज दूर होता है और हाईब्लडप्रेसर का प्रकोप शांत होता है | सूखे आंवले के चूर्ण में मिश्री मिलकर रख लें | प्रतिदिन यह पांच-पांच ग्राम चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से हृदय रोग और हाईब्लडप्रेसर में आशातीत लाभ मिलता है |
* हाईब्लडप्रेसर , अनिंद्रा व् सिर दर्द के निवारण के लिए पिप्पली की जड़ का उपयोग किया जाता है , और पिप्पली मूल के चूर्ण में गुड़ मिलाकर सेवन करने से हाईब्लडप्रेसर और अनिंद्रा की समस्या में लाभ मिलता है|
पिप्पली का तीन ग्राम चूर्ण या दूध या पानी के साथ सेवन करने से हाईब्लडप्रेसर से मुक्ति मिल जाती है |अनुभवी आँखे न्यूज़ हेल्थ डेस्क ( स्रोत : अनुभवी हेल्थ प्रॉब्लम्स हिंदी पत्रिका )

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