बनमनखी जंक्शन ।पूर्णिया जिले के बनमनखी (अनुमंडल) जंक्शन मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बनमनखी एक जमाने से बिजनेस हब रहा है। मवेशियों का बहुत बड़ा बाजार यहां है। देश के कोने कोने में बकरा मूर्गा गाय बैल भैंस व घोड़ों की खरीद फरोख्त कर भेजा जाता है। आसपास से व्यापारी आते जाते हैं। सोमवार व शुक्रवार को मंडी लगता है।
कहना गलत नहीं होगा कि बनमनखी व्यावसायिक गतिविधि के लिए मशहूर है। अनाज की पैदावार व खरीद फरोख्त भी है और भक्त प्रहलाद की भूमि पर्यटन स्थल भी। कभी बनमनखी से सीधी ट्रेन राजधानी पटना सोनपुर के लिए हुआ करती थी।




इलाहाबाद वाराणसी से गुवाहाटी के लिए भी। बड़ी लाइन बनने के बावजूद लंबी दूरी के कोई भी ट्रेन अब तक चालू नहीं हुई है। रेलवे सूत्रों की मानें तो एक राजधानी ट्रेन कटिहार पूर्णिया बनमनखी सहरसा के रास्ते खगड़िया होते हुए दिल्ली आनंद विहार तक आएगी। लोगों को इसका इंतजार है। रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का खासा अभाव है। युवा व्यवसायी संघ ने समय समय पर आंदोलन धरना प्रदर्शन कर रेल प्रशासन को अपनी मांगों से अवगत कराया पर प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंग सका। यात्री पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। नल में पानी नहीं है। शौचालय की स्थिति दयनीय है। फूटओवब्रिज के न होने से हादसे की संभावना बनी रहती है।अगस्त 2008 में बाढ़ आने से रेल सेवा बाधित हो गया था ,2014 से रेल सेवा पूर्णतया बनमनखी सहरसा शुरु किया गया,लेकिन आज तक यात्री को कोई सुविधा नहीं मिला ना ही लंबी दूरी की गाड़ी ,प्लेटफार्म पर यात्री को पीने के लिए स्वच्छ पानी भी नही,बनमनखी जक्शन पर फुट-ओवर ब्रिज़ नही रहने से रेल यात्री की हादसा की आंशका बनी रहती है ,कई बार माल गाड़ी एक-दो दिन तक लगी रहने से यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रैन के नीचे झुक कर पार करते है।
खासकर महिला और बूढ़े को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ता है,। रेलवे स्टेशन पर सफाई व प्रतिक्षालय में व्यवस्था नदारद है। आखिर मंडल रेल प्रबंधक व बनमनखी रेल अधिकारियों की नींद कब खुलेगी कब होगा बनमनखी रेलवे स्टेशन का कायापलट। ःअनुभवी आंखें न्यूज चैनल के लिए गौरव गुप्ता की रिपोर्ट ।कैमरामैन विशाल गुप्ता ।

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