झारखंड कांडी- गढ़वा जिला का ऐसा थाना जो केवल सिपाहियों का ही बैरक है उसके अलावा कोई बैरक या कार्यालय ठिक नहीं है । बताते चले कि यह विश्रामपुर विधानसभा में पड़ता है ।इस क्षेत्र के नेता- विधायक के द्वारा भी कभी ध्यान नही दिया गया कि थाना परिसर का क्या हाल है ।यहां वर्षों से लाखों के लागत से अधुरा पड़ा नव निर्मित भवन भी अधुरा रह गया है । जो कि यहां ठिक ढंग का कार्यालय भी नही है ।अधुरा पड़ा नवनिर्मित भवन है वह भी झाड़ीयों से ढक चुका है ।जी इस छेत्र में बहुत अच्छे अच्छे समाज सेवी हैं , लेकिन थाना परिसर में एक छोटा मंदिर का निर्माण नही किया गया है । यहां रह रहे कर्मियों का कहना है कि हम लोगों को अगर पूजा-पाठ भी करने का मन किया तो यहां पर मंदिर भी नहीं है । जी हाँ, जिस पुरानी खंडहर व भवन की बात कर रहा हूँ,बता दूं कि यही पुरानी खंडहर भवन तो कांडी थाना है। जी हां,आपने सही पढ़ा बल्कि इसे यह कहें कि कांडी थाना की भवनों की दीवारें,छतें बिल्कुल अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है। इन तंग भवनों में ठीक से रहने को एएसआई के लिए अच्छे भवन नहीं हैं। केवल इतना हीं नहीं,बल्कि कोई अच्छा कार्यालय भी नहीं है। इस थाना परिसर व भवनों के अवलोकन के पश्चात साफ- साफ जाहिर होता है कि कई सरकारें,कई नेता बदले किन्तु यह पुराना खंडहर भवन अर्थात थाना का दृश्य नहीं बदले। जो थाना में व्यवस्था होना चाहिए उनका तुलना तो दूर बल्कि कमरे तक अच्छे नहीं। यह थाना परिसर के साथ-साथ दरोगाओं (एएसआई) को रहने के अच्छा कमरा की व्यवस्था व कार्यालय हो।बताते चलें कि थाना परिसर में ही ग्रामीण जनताओं की सुनवाई की जाती हैं।क्या गर्मी,क्या वर्षा, क्या ठंढी सभी मौसमों में खुले आसमान में लोगों बैठना पड़ता है।वास्तव में भारत बदल रहा है।दूसरे तरफ सरकार भी करवटें बदल रही हैं।किंतु खंडहर थाना भवन आज भी इस प्रकार खंडहर हो खड़े हैं,मानो ऋषि-महर्षि ध्यान मुद्रा में मग्न हों।कोई बात नहीं,किन्तु देश,राज्य,जिला में विकास होने के साथ-साथ कांडी थाना के कमरे का भी बदलाव अधिक महत्व पूर्ण है।रिपोर्ट – विवेक चौबे updated gaurav gupta

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