गया(संवावदाता धीरज गुप्ता) – समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में प्रदूषण एवं सभी तरह के प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से संबंधित जिला स्तरीय कमेटी की बैठक की गई और इस बैठक में सीईईसी के अविनाश मोहंती ने बताया कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एशियान विकास अनुसंधान संस्थान एडीआरआई और सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस,टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी सीएसटीईपी में पर्यावरण,ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन केंद्र सीईईसीसी के सहयोग से शहर विशिष्ट स्वच्छ वायु कार्य योजना तैयार कर रहा है और पर्यावरण,वनऔर जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार और गया और बोध गया में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ तत्काल कदमों के कार्यान्वयन का निर्देश दिया गया है जिलाधिकारी ने शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति से सभी को अवगत कराया है एवम डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में गया जिला दुनिया में चौथे सबसे प्रदूषित शहर के रूप में पाया गया हैं और उन्होंने सम्बद्ध विभागों से आग्रह किया कि वे कई प्रदूषणों के लिए जिम्मेदार प्रदूषण को कम करने के लिए एक उपयुक्त योजना तैयार करने में मदद करें और सीईईसीसी के निदेशक डॉ अबीनाश मोहंती ने बताया कि कार्य योजना पर सम्बद्ध विभागों से अनुसंधान के लिए संबंधित डेटा की आवश्यकता है जिलाधिकारी ने सीएसटीईपी और सीईईसीसी द्वारा वांछित डेटा उपलब्ध करने के लिए सम्बद्ध विभागों को निदेश दिया और स्टेप की वैज्ञानिक डॉ प्रतिमा सिंह द्वारा बताया गया कि अध्ययन के पहले चरण में शहर में डंपिंग पैटर्न का आकलन करना और एक सर्वेक्षण खुले में अपशिष्ट जलाने और प्रदूषण नियंत्रण उपायों के तकनीकी पर आर्थिक विश्लेषण करना है जिलाधिकारी ने 10 दिसंबर, 2018 तक मौजूदा डेटा प्रदान करने के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया और तत्काल प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी ने जीएमसी से सड़कों पर पानी छिड़कवाने के लिए कहा तथा पुराने वाहनों के प्रदूषण की भी जांच करवाने के निदेश दिए है उन्होंने कहा कि गंगा एक्शन प्लान के तहत इम्प्रोविज्ड श्मशान के लिए गया नगर निगम द्वारा एक परियोजना प्रस्ताव विकसित किया जाना है और पत्थर क्रशर मशीन द्वारा क्लीनर प्रौद्योगिकी को अपनाने का भी निर्देश दिया गया है बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसकी निगरानी करेगा और उल्लेखनीय है कि परिवेश के वायु में उपस्थित छोटे कण पदार्थ के साथ साथ गैसीय प्रदूषक यथा सल्फर डाइऑक्साइड,नाइट्रोजन डाइऑक्साइड,कार्बन मोनोऑक्साइड,ओजोन बेंजीन की जांच की जाती है सामान्यतया गैसीय प्रदूषक मानक के अधीन रहते हैं परंतु छोटे कण पदार्थ की मात्र जाड़े के मौसम में ज्यादा पाई गई है और जाड़े के मौसम में छोटे कण पदार्थ वायुमंडल के नीचले परत पर संगठित हो जाते हैं परिणामतः वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक हो जाती है जोवायु प्रदूषण के मुख्य कारण में सड़क धूल,वाहन उत्सर्जन,ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाना, निर्माण क्रियाकलाप,घरेलू क्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले जीवाश्म ईंधन एवं शहर के आसपास स्थापित ईट भट्टों से होने वाले उत्सर्जन बताया गया है इस बैठक में शहरी क्षेत्र में होटलों में कोयला चूल्हा,लकड़ी चूल्हे का भी आकलन करने का निर्देश नगर निगम को दिया गया है गौरतलब है कि आंकड़े एकत्रित करने के बाद गया शहर के प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक दीर्घकालीन योजना बनाया जाना है यह योजना पटना और मुजफ्फरपुर के लिए भी बनाया जा रहा है आज की बैठक में प्लास्टिक कैरी बैग के प्रयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाए जाने की भी चर्चा की गई और बताया गया कि बिहार प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली -2018 का क्रियान्वयन शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्र में किया जाना है और 15 दिसंबर 2018 से 50 माइक्रोन से नीचे वाले प्लास्टिक कैरी बैग को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है इसका क्रियान्वयन शहरी निकायों एवं स्थानीय प्रशासन के द्वारा किया जाना है और इस तिथि के उपरांत प्लास्टिक के प्रयोग पर जुर्माना का प्रावधान किया गया है जिनमें मोटाई और आकार का विचार किए बिना प्लास्टिक कैरी बैगों के उत्पादन,वितरण, व्यवसाय,भंडारण और विक्रय पर प्रथम बार में दो हजार रुपये, द्वितीय बार में 3000 रुपये एवं प्रत्येक बार दोहराए जाने पर रुपये 5000 का जुर्माना लगाया जाएगा एवम वाणिज्यक उपयोगकर्ता को प्रथम बार में 1500 रुपये द्वितीय बार 2500 रुपये और प्रत्येक बार दोहराए जाने पर रुपये 5000 का जुर्माना लगाया जाएगा और मल्टीलेयर पैकेजिंग या प्लास्टिक शीट या ऐसी ही वस्तु या प्लास्टिक शीट से बने कवर जो प्लास्टिक अपशिष्ट प्रावधानों के अनुसार विनिर्मित लेबल या मार्क नहीं किये गए हो!में वस्तुओं का उपयोग! विक्रय या उसे उपलब्ध कराने पर प्रथम बार 2000 रुपये,दूसरी बार में 3000 रुपये एवं प्रत्येक बार दुहराये जाने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा,प्लास्टिक अपशिष्ट को खुले में जलाने पर प्रथम बार में दो हजार रुपये,द्वितीय बारे में 3000 रुपये एवं प्रत्येक बार दोहराए जाने पर रुपये 5000 का जुर्माना लगाया जाएगा और सार्वजनिकस्थानों,पार्कों,नाली,पुरातात्विक स्थलों तथा अन्य प्रतिबंधित स्थानों पर प्लास्टिक अपशिष्ट को फैलाने पर प्रथम बार में एक हजार रुपये,द्वितीय बार में 1500 रुपये और प्रत्येक बार दोहराए जाने पर रुपये 2000 का जुर्माना लगाया जाएगा और शहरी स्थानीय निकाय को सूचना दिए बिना और इन उपविधि के अनुसार व्यवस्था किए बिना कोई खेल आयोजित करने या 150 से अधिक व्यक्तियों को जमा करने के जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति को प्रथम बार में 1500 रुपये,दूसरी बार में 2000 रुपये और प्रत्येक बार दोहराए जाने पर रुपया 2500 का जुर्माना लगाया जाएगा और बैठक में बिना ढके बालू,गिट्टी और ईंट ले जाने वाले वाहनों पर भी रोक लगाने का निर्णय लिया गया है तथा निर्माण किए जाने वाले भवनों के समीप भी जल छिड़काव नियमित करवाने का निर्देश दिया गया है चिमनियों से निकलने वाले सड़कों पर पानी का छिड़काव करवाने का निर्देश दिया गया तथा सभी प्रकार के धूलयुक्त वस्तुओं पर पानी छिड़काव करवाकर उसे ढक कर ले जाने का अनुपालन करवाने का निर्देश दिया गया है।इस बैठक में नगर आयुक्त ईश्वर चंद्र शर्मा, जिला वन पदाधिकारी, उपनिदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता,सेंटर फॉर एनवायरमेंट,एनर्जी एंड क्लाइमेट चेंज के डॉ अविनाश मोहंती, स्टेप के साइंटिस्ट डॉक्टर प्रतिमा सिंह, समिति के सदस्य मो0 मोती करीमी,समाजसेवी श्रीमती उषा डालमिया,अनिल स्वामी,सामाजिक कार्यकर्ता बृजनंदन पाठक,वरिष्ठ नागरिक शिव बचन सिंह, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष कौशलेंद्र कुमार सिंह,क्षेत्रीय पदाधिकारी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गया,कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत बोधगया,सचिव बिहार राज्य भारत स्काउट एंड गाइड,जिला खनन पदाधिकारी सहित तमाम संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।c

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