मऊरानीपुर (झाँसी) – नगरवासियों ने की नम आँखों से माँ की विदाईविसर्जन स्थल पर थे पूर्ण इंतजामगाँधीगंज चौगड्डा स्थित माँ दुर्गा को लट्ठों पर कन्धों पर रखकर ले जाया गया विसर्जित के लियेशाम 5 बजे तक 60 मूर्तियों का विसर्जन किया जा चुका थाअसत्य पर सत्य का प्रतीक दशहरा को भी पान एवं मिठाई खिलाकर मनाया गयादशहरा पर्व को रावण जलाकर मनाया गया नवरात्रि के अन्तिम दिन नगर में दुर्गा प्रतिमाओं एवं काली प्रतिमाओं का विसर्जन बडे धूमधाम तरीके के साथ दशहरा के रुप में किया गया। जिसमें नगर में कलाकारों के द्वारा बनायी गयी दुर्गा प्रतिमाओं एवं काली प्रतिमाओं को लोगों ने विसर्जन के रुप में देखा । सुबह से देर रात तक नगर में प्रतिमाओं के विसर्जन की जबरदस्त भीड देखी गयी। जो डी. जे. पर माँ के गानों के साथ दुर्गा एवं काली माँ का विसर्जन किया गया। साथ ही नगर में काफी भिन्न- भिन्न कलाओं की मूर्ति देखी गयी। प्रत्येक मूर्ति में डी. जों. पर माँ के गानों पर नगरवासी श्रद्वालु थिरकते हुये देखे गये। इसी के साथ नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रखी दुर्गा प्रतिमाओं के पण्डालों पर सुबह से कन्या भोज का आयोजन किया गया जिसमें मूर्ति के समीप रहने वाले परिवारों की कन्याओं का भोज किया गया। जिससे नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पण्डालों में सूनसान के साथ कमेटियों में उदासी देखी गयी जो अपनी अपनी माँ की विदाई करते समय रोते हुये माँ के भक्त देखे गये । इसी के साथ माँ की विदाई के पूर्व से ही लोगों की आँखों में आँसू देखे गये। जैसे ही माँ अपने- अपने पण्डालों से विसर्जन के लिये निकली वैसे ही लोगों ने नम आँखों से दी अपनी माँ को विदाई । इसी के साथ जहाँ मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा था। वहाँ भी पूर्ण व्यवस्था देखी गयी।

पुलिस व्यवस्था पूरे नगर में चप्पे- चप्पे पर देखी गयी । मूर्ति विसर्जन में लोगों को परेशानी का अनुभव नही करना पडा। कारण कि इस वर्ष पर्याप्त पानी होने से मूर्तियों को विसर्जित करने में कतई परेशानी का सामना न करना पडा। सुबह से देर रात तक मूर्तियों का विसर्जन किया गया। वही गाँधीगंज चौगड्डा स्थित माँ दुर्गा को लट्ठों पर कन्धों पर रखकर विसर्जित के लिये ले जाया गया और माँ काली नुनाई को भी बडे धूमधाम तरीके के साथ ले जाया गया। जिसमें सैकडों लोगों की भीड साथ चल रही थी। वही कोतवाली पुलिस ने बताया कि शाम 5 बजे तक 60 मूर्तियों का विसर्जन किया जा चुका है। इसी के साथ दशहरा का भी आयोजन किया गया। जिसमें मूर्ति का विसर्जन करके लोगों ने एक दूसरे को पान एवं मिठाई खिलाकर दशहरे के अवसर पर गले मिलकर असत्य पर सत्य का प्रतीक दशहरा को भी मनाया, और रावण को भी मेला ग्राउण्ड में जलाया गया। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर । updated by gaurav gupta

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