मऊरानीपुर (झाँसी) – नगर के टीकमगढ बस स्टैण्ड पर स्थित छोटे माली के मकान की छत पर विराजमान माँ भद्रकाली का जन्मदिन हर वर्ष से भी अधिक

धूमधाम तरीके के साथ केक काटकर मनाया गया। जिसमें माँ भद्रकाली के सैकडों भक्त मौजूद रहे। माँ के जन्मदिन की तैयारियाँ प्रथम दिन से सत्तमी के दिन तक लगातार देखने के बाद बडे उत्सुकता के साथ माँ भद्रकाली का जन्मदिन मनाया गया। जिसमें भक्तों की कतारें सैकडों की संख्या में देखी गयी। जन्मदिन पर केक कटने के बाद भव्य भण्डारे का आयोजन भी किया गया। जिसमें नगर के माँ भद्रकाली के भक्त सैकडों की संख्या में मौजूद रहे। भण्डारे का प्रसाद काफी रात्रि तक लोगों ने ग्रहण किया। दर्शन करने वाले एवं जन्मदिन में शामिल हुये लोगों की कतारें जबरदस्त देखी गयी। इसी के साथ माँ भद्रकाली के प्रांगण में भी मुरादें पूरी कराने के लिये लोगों की भीड काफी संख्या में देखी गयी। जनता यूनियन के समाचार पत्र में न्यूज सत्तमी से पूर्व प्रकाशित हो जाने से पूरे नगर में लोगो तक माँ के जन्मदिन की खबर पहुँच जाने से सैकडों की संख्या में लोगों ने अपनी उपस्थिति के साथ अपने वर्ष के कष्टों को दूर करने के लिये माँ से प्रार्थना वन्दना करते हुये भण्डारे का प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही रात्रि जागरण में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया। इसी के चलते हमारे जनता यूनियन मऊरानीपुर सम्वाद्दाता सौरभ भार्गव ने माँ भद्रकाली के मन्दिर पर पहुँचकर वहाँ की विशेष धार्मिकता के बारे में लोगों से जानकारी ली। जिसमें देखा गया कि माँ प्रत्येक व्यक्ति की मुरादें पूरी करती है। जो दिल से, मन से मुराद माँगता है उसकी मुराद निश्चित ही पूरी हो जाती है। वही और अधिक जानकारी लेते हुये मऊरानीपुर सम्वाद्दाता ने जानकारी में पाया कि माँ भद्रकाली की प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 2003 में कलश यात्रा नगर भ्रमण एवं मण्डप पूजन, कलश स्थापना एवं गणेश पूजन, धान्यादिवास पाठ, जलाधिवास पाठ, सहस्त्रधारा (हजारा) के साथ माँ निरंकाली की प्रतिष्ठा एवं पूर्ण आहूति के साथ प्रतिष्ठा हुयी थी। जो वेदाचार्य पं. अम्बिका प्रसाद भार्गव (शास्त्री) निवासी गाँधीगंज मऊरानीपुर की देखरेख में करायी गयी थी। जो वेदाचार्य जी आज हम सबके बीच नही है। जिनका देहान्त 3 सितम्बर 2015 को हो गया है। जिन्होने मऊरानीपुर में ज्ञान की गंगा ही बहाकर रख दी। उन्ही के द्वारा माँ भद्रकाली की प्राण प्रतिष्ठा करायी गयी थी। जिसमें माँ के चरण सेवक के रुप में पन्ना लाल माली, प्रमोद कुमार माली, छोटे माली, कौशल कुमार (गोलू), हेमन्त कुमार (सोनू) रहे थे। जो आज भी तभी से माँ के चरणों में है और रहेगें। तभी से लगातार अभी तक माँ भद्रकाली का जन्मदिन मनाया जा रहा है, और आगे भी मनाया जायेगा। इसी के चलते सैकडों महिलाओं एवं पुरुषों की भीड मन्दिर में देखी गयी। साथ ही भण्डारे एवं रात्रि जागरण में भी माँ के भक्त अपनी गरिमामयी उपस्थिति माँ के सामने देते देखे गये। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर । updated by gaurav gupta

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