गया – १० मुहर्रम को गया कर्बला में अक़ीदतमन्दों की काफी तादाद में भीड़ उमड़ी लोगों ने हज़रत इमाम हुसैन वा उनके परिवार के लोगों की शहादत को याद किया इसी सिलसिले में गया करबला में ९ मुहर्रम दिनांक २० सितम्बर को रात्रि ९ बजे से सुबह के ७ बजे तक सुन्नी शिया वा अन्य धर्मों के लोगों ने अपने अपने तरीके से उनकी याद में कुरान पढ़ा उनकी जीवनी पर तक़रीरें सुनी और शिया हज़रात ने मातम किया वहीं अन्य धर्मो के लोगो ने पूजा अर्चना किया है ९ मुहर्रम को ही बाद नमाज़ ईशा ९ बजे रात से ज़िक्रे शोहदा ए करबला कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमे हिंदुस्तान के ३ प्रसिद्ध मौलाना ने अपनी तक़रीर से हज़रत इमाम हुसैन और करबला के वाक़या घटित के दृश्य को इस प्रकार से बयान किया के लोगों के आँखों से आंसूं निकल पड़े मशहूर

लखनऊ के नात खावां सुल्तान लखनवी ने अपनी मधुर आवाज से लोगों में जोश पैदा किया उसके शिया समुदाय के लोगों ने रात्री १:३० बजे इमाम हुसैन की याद में मर्सिया पढ़ा और मातम किया उसके बाद ३ बजे से करबलाके तारीख़ी रवायत परम्परा के मुताबिक गुसुल और चादरपोशी मनकबत और अएत करीमा के साथ किया गया और आखिर मे करबलाके खादिम के बड़े साहबज़ादे डॉक्टर सयैद शब्बीर आलम ने यहां आए अक़ीदतमन्दों के लिए और मुल्क़ के अमनो अमान के लिए दुआ की उसके बाद १० मुहर्रम की सुबह ९बजे शिया समुदाय के लोग अपने परम्परा के अनुसार ज़ुल्फ़िक़ार लेकर मातम करते हाउस करबलाआएं और यहां आखिरी रासुमात को अंजाम दिया वहीं दूसरी तरफ सुन्नी समुदाय के लोग सुबह ६:३० बजे से ही ताज़िया पहलाम के लिए करबला आये यह सिलसिला ९ बजे तक जारी रहा है वहीं इंजीनयर सयैद शब्बर आलम ने बताया कि ११ मुहर्रम को शिया समुदाय की तरफ से जंजीरी मातम और सुन्नी समुदाय के लोगों की तरफ से अखाड़ा और फतह निशान निकाला गया। रिपोर्ट – धीरज गुप्ता

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