मऊरानीपुर (झाँसी)- मधुपुरी साहित्यिक एवं सामाजिक परिषद मऊरानीपुर की मासिक कवि गोष्ठी एकता दिवस के अवसर पर आयोजित की गयी। जिसके मुख्य अतिथि तेज भान सिंह बुन्देला रहे। इस मौके पर कवियों ने अपनी अपनी कविताओं से जोरदार शमा बाँधा। इस मौके पर कवियों में ज्ञान प्रकाश यादव ने कहा कि गाँधी बाबा देश में, फैलो चहुँदिश भृष्टाचार। राजनीति हो गयी है गन्दी, कैसे होय सुधार। तेजभान सिंह बुन्देला ने कहा कि जीवन में सुधार करो, अपने मन में विश्वास करो। सुरेश चौधरी ने कहा कि टालिये आज को न कल के लिये, वक्त रुकता नही है पल के लिये। डॉ. डी. आर. वर्मा बैचेन ने कहा कि सरदार पटेल के प्रति कामत कवि दयाराम भारत अखंड बना। हिन्द में एकता क मशाल तुम जला गये। महेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि काश प्यारे वापू तुमने सरदार पटेल का पहला प्रधानमंत्री बना दिया। तो आज तक भारत में कश्मीर समस्या का दंश न होता। प्यारे लाल बेधडक ने कहा कि आयरन लेडी इन्द्रा गाँधी, हिन्दुस्ताँ में शहादत दी। लौह पुरुष सरदार पटेल, किसान बास्ते इवादत की। वृन्दावन लाल वर्मा ने कहा कि जो का अन्देर मचा रये। कनेक्शन बारे रो रये, कटिया को मौज उडा रये। मीटर बारे बिल चुकावे हीटर वारे रोटी बना रये। सुल्तान खान ने कहा कि किसी भी जुल्म के आगे , नही झुकती कलम मेरी। अवध बिहारी सूरौठिया ने कहा कि अवध के कन्हैया नन्द के धाम। बृज में अनौखी आयी है शाम। हदय नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि झाडू वाला आया घर से कचरा निकाल , ये वृद्वा जिस काम का चौर्य डुकरा निकाला। जयप्रकाश खरे ने कहा कि ऐ सुन्दर प्राणी तेरी अजब कहानी मैने दी है सुन्दरवाणी । तू वोल ले जुवान से , तु काहे को जियत अभिमान से। रेवाशंकर पाठक ने कहा कि ऊरी लेखनी तू कविकर में झूला झूले प्यार का। राजकुमार ताम्रकार ने कहा कि नूर था सब ढला चुका। चेचिस खाली रहगई। मालटाल लुट गया। दुकान खाली रहगई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पं. मदन कान्त व्यास एवं संचालन पं. हदय नाथ चतुर्वेदी ने किया। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुरupdated by gaurav gupta

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