गया (बिहार) – बोधगया के महाबोधि होटल के कांफ्रेंस हॉल में आकांक्षी जिला गया के विकास को लेकर यूनिसेफ के सहयोग से जिला प्रशासन गया द्वारा समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया है बैठक में आकांक्षी जिला के प्रगति की मापदंड के लिए निर्धारित प्रत्येक इंडीकेटर्स की समीक्षा की गई और इसमें आंकड़ों का विश्लेषण यूनिसेफ के द्वारा रखा गया है जिनमें उनके पदाधिकारियों ने इंडिकेटर वाइज अपना विवरण रखा और सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के ११५ आकांक्षी जिलों में गया को शामिल किया गया है जिनमें ३५ जिले एल डब्लू ई से प्रभावित रखे गए हैं और इन्हीं में गया को भी रखा गया है दूसरे प्रकार की आकांक्षी जिला की श्रेणी में पिछड़े जिले को शामिल किया गया है और तीसरे प्रकार की श्रेणी में प्रधानमंत्री कार्यालय से कुछ जिले को शामिल किया गया है इन जिलों को २०२२तक सामान्य जिलों की केटेगरी से आगे बढ़ाते हुए तीव्र विकास वाले जिला बनाया जाना है उन्होंने कहा कि आज यूनिसेफ के साथ यह जो कार्यशाला का आयोजन किया गया है इससे उम्मीद है कि शामिल पदाधिकारियों को काफी जानकारी मिलेगी और वह भविष्य में बेहतर काम कर सकेंगे और उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है की इंडिया के बेस्ट डिस्ट्रिक्ट के पैरामीटर में गया शामिल है लेकिन अभी तक जो काम किए जा रहे हैं वह रूटीन वर्क जैसे काम किए जा रहे हैं हमें गया के तीव्र विकास के लिये रूटीन कार्य की तरह नहीं है बल्कि इस से हटकर कार्य करना होगा और उन्होंने कहा कि फीडबैक के लिए यूनिसेफ को आज शामिल किया गया है उन्होंने यूनिसेफ से विशेष अनुरोध किया कि वे खुलकर प्रत्येक विभागों की कमियों को बतावे साथ ही अच्छा कार्य करने के उपाय भी बतावें,ताकि इस दिशा में अच्छा कार्य किया जा सके और उन्होंने सभी पदाधिकारियों को कार्यशाला पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है यूनिसेफ के मोहम्मद मंसूर द्वारा चाइल्ड प्रोटेक्शन पर विशेष जानकारी रखी गई और इस दौरान उन्होंने कई कारण गिनाए जिसके कारण बच्चों का चाइल्ड प्रोटेक्शन करना जरूरी होता है इनमें चाइल्ड लेबर,ट्रैफिकिंग वाले बच्चे,नवजात फेंके गए शिशु,अविवाहित महिला के द्वारा फेंके गए बच्चे,भागे हुए बच्चे, सेक्स एब्यूज वाले बच्चे शामिल हैं उन्होंने बताया कि सीडब्ल्यूसी,जेजेबी साथ ही चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूशन भी बनाये गए हैं औरइन बच्चों के लिए एवम इनकी आवासीय और सुरक्षा की व्यवस्था करनी होती है उन्होंने कहा कि गया जिला में चाइल्ड लेबर की संख्या सर्वाधिक पाई जाती है और इसके लिए जरूरी है कि जब उनका रेस्क्यू किया जाता है तो उन्हें पुनर्वासित किया गया या नहीं यह सूचना भी संग्रह किया जाना आवश्यक है उन्होंने कहा कि इसके लिए चौकीदार की मदद ली जा सकती है उन्होंने कहा कि नीमचक बथानी, बेलागंज और मानपुर के क्षेत्र में एनजीओ का इंगेजमेंट होना चाहिए। इन क्षेत्रों से बाल श्रमिक ज्यादा ले जाए जाते हैं सरकार द्वारा मुक्त किए गए बच्चों को रुपया २५००० एक मुफ्त में दिए जा रहे हैं उन्होंने कहा कि बाल सुधार समिति प्रखंड स्तर,पंचायत स्तर एवं वार्ड स्तर पर गठन किया जाना चाहिए और जिलाधिकारी ने इस दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को सभी गृहों का विजिट करने का निर्देश दिया और जिला स्तर पर इंस्पेक्टिंग कमेटी को सक्रिय बनाने का निर्देश दिया है वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा ने कहा कि जो भी कानून बनाए जाते हैं वह नीचे से फीडबैक लेकर के बनाया जाना चाहिए और कई बार अचानक कानून बना दिए जाते हैं और उसे लागू भी कर दिया जाता है लेकिन इससे निचले स्तर परअमलीजामा पहनाने में काफी कठिनाई होती है बालकैदी के संबंध में नए कानून से उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों से उन्होंने अवगत कराया और उन्होंने कहा कि हत्या कई परिस्थितियों में,कई प्रकार के लोगों द्वारा की जा सकती है कोई पड़ोसी आपसी विवाद में हत्या कर सकता है, कोई क्रिमिनल माइंडेड व्यक्ति किसी की हत्या कर सकता है और सभी के लिए एक ही प्रकार की सजा की व्यवस्था की गई है उन्होंने इसपर पुनः विचार करने की आवश्यकता बतायी है यूनिसेफ के राजीव कुमार ने हेल्थ और एजुकेशन के संबंध में बताया उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला में २२ प्रकार के इंडिकेटर हैल्थ के हैं और ९ प्रकार के इंडिकेटर न्यूट्रीशन के रखे गए हैं और इसपर ३०% वेटेज दिया जाता है उन्होंने इस संबंध में हाई रिस्क मदर,हाई रिस्क चिल्ड्रन को कवर करने की जरूरत पर जोर दिया है उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व जांच शत प्रतिशत किया जाना चाहिए,जिससे हिमोग्लोबिन का लेबल का पता चल जाता है उन्होंने कहा कि गया में अभी भी १९% होम डिलीवरी हो रहा है, इसे समाप्त करने की जरूरत है उन्होंने कहा कि अभी भी हम हाई रिस्क मदर को ट्रैक नहीं कर पा रहे हैं और इसके लिए आशा और ए एन एम को लगाना आवश्यक है साथ ही उन्होंने आशा और एएनएम की ट्रेनिंग की जरूरत पर भी बल दिया और ताकि होम डिलीवरी की संख्या को घटाया जा सके और जिलाधिकारी ने बताया कि डोभी के कारमॉनी एवं मोहड़ा प्रखंड के गहलोर में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना की गई है अक्टूबर २०१८ तक ५ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को कहा कि जिस प्रखंड में सबसे ज्यादा होम डिलीवरी हो रही है उसे चिन्हित किया जाए और जिलाधिकारी ने कहा कि आरोग्य दिवस बुधवार एवं शुक्रवार को वीडियो,सीडीपीओ,सीओ की तरफ से एक-एक आदमी रखा जाए टोला सेवक,पंचायत सचिव के माध्यम से जनप्रतिनिधि को भी रखा जाए एवम एक दिन स्पेशल अभियान चलाया जाए और सभी हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया जाए और अस्पतालों में स्वास्थ्य जांच के छोटे-छोटे उपकरणों के क्रय करने हेतु जिला स्तर पर दर निर्धारित करने का निर्देश जिला स्वास्थ्य प्रबंधक को दिया गया है उन्होंने कहा कि दर की सूची बनाकर सभी एएनएम आशा एवं पीएचसी को उपलब्ध करा दिया जाए और पोषण के संबंध में बताया गया कि गया में शिशु मृत्यु दर अभी भी ४५% है और ईसका कारण कुपोषण है अधिकतर मृत्यु और बीमारी कुपोषण के कारण ही होता है बताया गया कि बाल विकास परियोजना की इसमें अहम भूमिका है जो गर्भवती महिलाओं को पोषण राशि दिया जा रहा है बच्चों को अन्नप्राशन कराना उन्हें समुचित आहार के संबंध में माताओं एवं महिलाओं को जानकारी देना है और यह सब आवश्यक बताया गया है यूनिसेफ के रवि नारायण ने बताया कि हॉस्पिटल को अब बेबी फ्रेंडली बनाने की कोशिश की जा रही है आंगनवाड़ी केंद्र को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाए और जिलाधिकारी ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को एक महीने के अंदर सभी सेविका सभी पर्यवेक्षिका को प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया गया है और उन्होंने कहा कि बच्चे आंगनवाड़ी केंद्र पर आ रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान यदि नहीं हो पा रहा है तो यह अच्छी बात नहीं है हर एक केंद्र पर आसपास के सभी गर्भवती महिलाओं,धात्री महिलाओं का काउंसलिंग किया जाए और टेक होम राशन का प्रयोग हो रहा है या नहीं,खाने में कच्चा केला और सहजन इत्यादि अगर मिला दिया जाए तो इससे भी पोस्टिक आहार मिल जाता है उन्होंने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को प्रशिक्षु भारतीय सेवा के पदाधिकारी श्री योगेश कुमार सागर के साथ इसके लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र का मुख्य कार्य पोषण है और इसे हर हाल में पूरी तरह से सफल बनाना है उन्होंने कहा कि जिन आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए अपना भवन नहीं है उसके आस पास के सरकारी भवन का प्रयोग किया जाए इसके लिए पर्यवेक्षिका एवं पंचायत सचिव का संयुक्त टीम बनाने का निर्देश दिया एवम वे आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए उसके आसपास अवस्थित सरकारी भवन को चिन्हित करेंगे और जिलाधिकारी ने कहा कि गया के २४ आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र बनाया जाना है प्ले स्कूल की सुविधा वहां दी जाएगी और मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों में सभी आवश्यक चीजें रहें यह ध्यान दिया जाए और ताकि अन्य स्थान के लोगों को भी भ्रमण करा कर दिखलाया जा सके और ताकि वहां के लिए वे खुद इस प्रकार की व्यवस्था कर सकें और उन्होंने यूनिसेफ से भी इसके लिए सहायता लेने का निर्देश दिया|
वाटर एंड सेनिटेशन पर मिस्टर प्रभाकर सिन्हा के द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया श्री रवि नारायण पाली के द्वारा पोषण,डॉक्टर सिद्धनाथ रेड्डी द्वारा स्वास्थ्य,डॉ उर्वशी कौशिक द्वारा सोशल पॉलिसी, श्रीमती मोना सिन्हा द्वारा विकास और संचार पर प्रेजेंटेशन दिया गया है कार्यक्रम का संचालन सुश्री नम्रता सरावगी ने किया औरकार्यक्रम का अंतिम संबोधन यूनिसेफ के बिहार के अध्यक्ष श्री असदुर रहमान द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन उप विकास आयुक्त श्री किशोरी चौधरी द्वारा किया गया औरकार्यक्रम में वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा एवं उप निदेशक जिला जनसंपर्क अधिकारी एवम जिला स्तर के सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे। धीरज गुप्ता की रिपोर्ट, updated by gaurav gupta

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