दिल्ली : (UPSC के चेयरमैन अरविंद सक्सेना ने भेजी सिपारीश )

भारत में आईएएस की परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में ग्रेजुएट युवा इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उनमें से महज कुछ का ही सेलेक्शन हो पाता है।
सबसे मुश्किल माने जानी वाली इस परीक्षा में कई उम्मीदवार ऐसे होते हैं जो अपनी कड़ी मेहनत से इंटरव्यू तक तो पहुंच जाते हैं, लेकिन अंतिम लिस्ट में जगह नहीं बना पाते। ऐसे छात्रों के लिए अब एक अच्छी खबर है।
*संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी)*
ने केंद्र सरकार और उसके मंत्रालयों को सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार के चरण में पहुंचकर अंतिम लिस्ट में जगह न बना पाने वाले उम्मीदवारों की भर्ती करने की सिफारिश की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपीएससी के अध्यक्ष अरविंद सक्सेना ने कहा, “हमने केंद्र सरकार और मंत्रालयों को ऐसे लोगों की भर्ती करने का प्रस्ताव दिया है, जो सिविल सेवा और अन्य परीक्षाओं में साक्षात्कार तक तो पहुंच जाते हैं, लेकिन अंतिम रूप में चयनित होने में विफल रहते हैं और मानशिक रूप से परेसान हो जाते है इसलिए ऐसे लोगों को भी सरकारी नौकरी में प्रावधान सुनिश्चित किया जाय ।

यूपीएससी के चेयरमैन अरविंद सक्सेना राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों के तेईसवें राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर ओडिशा में यह बातें कहीं। हर साल, लगभग 11 लाख उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। इनमें से आधे उम्मीदवार ही प्री एग्जाम में बैठते हैं। परीक्षा चरणों के माध्यम से उनकी संख्या कम हो जाती है और अंततः केवल 600 उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।

रिपोर्ट – महेंद्र मणि पाण्डेय ( मुम्बई ), updated by gaurav

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